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देख चुका हूं मै गांधी भगतसिंह और सुभाष क

देख  चुका   हूं  मै 
गांधी    भगतसिंह  और  सुभाष को 
कबाड़ी क़े  कचरे  मे  से  झांकते हुए 
कितनी  सस्ती  हुईं हैँ  हमारी   भावनाये   और  राष्ट्र भक्ति 
अच्छा  होता   अगर  वे    टँगी   रहतीं   कुछ दिन और 
प्रेरणा  की  दीवारों  पर 
ताकि  ढका  रहता  हमारा  राष्ट्रप्रेम  कुछ दिन और 
कबाड़ी  क़े  कबाड़खाने  मे  आने  से  पहले राष्ट्र   प्रेम.........
देख  चुका   हूं  मै 
गांधी    भगतसिंह  और  सुभाष को 
कबाड़ी क़े  कचरे  मे  से  झांकते हुए 
कितनी  सस्ती  हुईं हैँ  हमारी   भावनाये   और  राष्ट्र भक्ति 
अच्छा  होता   अगर  वे    टँगी   रहतीं   कुछ दिन और 
प्रेरणा  की  दीवारों  पर 
ताकि  ढका  रहता  हमारा  राष्ट्रप्रेम  कुछ दिन और 
कबाड़ी  क़े  कबाड़खाने  मे  आने  से  पहले राष्ट्र   प्रेम.........