आपकी सालगिरह से याद आ गया , आपका चेहरा नजरों में छा गया, कैसे आप हमारी खामियां निकलते थे, कैसे आप हमे संभालते थे, जो कमजोरिया थी हम लोगो में, कितनी आसानी उनका लेवल बिठालते थे, आपका यही अंदाज हमे भांह गया, आपकी सालगिरह से याद आ गया, आपका चेहरा नजरों में छा गया, कैसे आप हमे घर में पढ़ाते थे, आपकी गैर मौजूदगी में , सर हमारा हौसला बढ़ाते थे, आपकी सरकारी नोकरी से खुशी बहुत हुई, पर आपके हमसे दूर जाने पर, मन आंखो पर आंसू ला गया , आपकी सालगिरह से याद आ गया, आपका चेहरा नजरो में छा गया, होली में अक्सर हम घर आते थे, आप कितना मस्त चीला बनाते थे, देखा है हमने आप दोनो की समझदारी से, जीवन का हर दुख गोता खा गया, आपकी सालगिरह से याद आ गया, आपका चेहरा नजरो में छा गया। आप दोनो का साथ यू ही बना रहे, जब भी बात हो आप हमेशा हंसकर कहे, खुशियां की नदिया आपके दुनिया में, कल कल करती संगीत सी बहे, आप लोगो को देखकर लगता है, रिश्ता भी सोचता होगा , कि में अपनी पूर्णता को पा गया, आपकी सालगिरह से याद आ गया, आपका चेहरा नजरों में छा गया। शुभम पाल ©Shubham Pal #Love #Marriage #anniversary #Dil #dhadkan #Life # #Health