रचना दिनांक 6,,12,,2024, वार शुक्रवार समय दोपहर एक बजे ्भावचित्र ् ्निज विचार ् ््शीर्षक ्् ््छाया चित्र में दिखाया गया जिसे हम गृहस्थ आश्रम में एक खुशहाल जीवन सफल हो, यह जीवन चला चली का स्मरणीय पल अनमोल वचन क्षण क्षणिका एहसास क्षणिका में श्लोक बन गई तस्वीर है समय समय कहुं मैं जो सदा पूर्णे में एक जीवंत कलाकृति होती है ्् ््् ्भावचित्र ् ् निज विचार ् विचार प्रवाह प्यार में अंधे हो जाते हैं, तो दुनिया भी इन्सानी मानस में शास्त्र सम्मत पात्र सुपात्र सूसुन्दरं सलाह में, भी इन्सानी खोट नज़र आती है,, प्रसंग शिव और पार्वती उनके पुत्रों का विश्व भ़मण और अपने विचार, व्यक्त मातृ पितृ चरण कमलेभ्यो नमः शिवाय ॐ नमः में , आपकी पोस्ट पढ़ने का आयना नज़रिया, सहज महज़ प्रेम शब्द से ही आनंद आता है,।। इन्सान को इन्सान से प्रेम और विश्वास आदर्श स्थान पर जिंदगी में , आंखें खोल कर देखें पूरी दुनिया सुनती हैं,, आनेवाली पीढ़ी आप से गुफ्तगू कर कुछ सीखने वाले अच्छे ख्यालात रहे।। धन्यवाद कवि शैलेंद्र आनंद 6, दिसंबर,,2024 ©Shailendra Anand मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स ्््््कवि शैलेंद्र आनंद