अपने खयालातों को यूं ज़ाहिर न किया करें बेगैरती अदावत में अपने लब ख़ुद हीं सिया करें जो गम हो कहीं हो तो खुदाई पे छोड़ दें अपनी खुद्दारी ख़ुदी के बावत रखा करें तौलेगी दुनिया खुद के चश्में से अक्सर अपने एहसासों का , देखें! न कोई गिला करें दुनियां तमाशाई है उसके खुद के फलसफे हैं ख़ुद के फलसफे, अपने पास रखा करे सारी कायनात दिखने लगेगी रूमानी दिमाग को छोड़कर,दिल कि सुना करें सब्र, दुआ, सच्चाई रंग लाते हैं इक दिन वक्त बुरा माने तो खामोशी से दुआ करें राजीव ©samandar Speaks