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ग़ज़ल :- आज उनका हो गया दीदार है । कर लिया काबूल उनस

ग़ज़ल :-
आज उनका हो गया दीदार है ।
कर लिया काबूल उनसे प्यार है ।।१

जी नहीं सकते तुम्हारे बिन कभी ।
कर रहा इस बात का इज़हार है ।।२

आज चाहत की नई तस्वीर मैं ।
देखता तुझमें सुनों तैयार है ।।३

कर यकीं मेरा यही पर आज तू ।
बिन तुम्हारे ये जहाँ बेज़ार है ।।४

ये हँसी जुल्फ़े तुम्हारी लूट लें ।
रूख पे काला बनी तलवार है ।।५

किस लिए पर्दा हमीं से ए सनम ।
जान दिल दोनो तुम्हीं पे वार है ।।६

जाँ हथेली पर लिए हम आ खडे़ ।
और तू करती खड़ी दीवार है ।।७

१५/०४/२०२३    -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-

आज उनका हो गया दीदार है ।
कर लिया काबूल उनसे प्यार है ।।१

जी नहीं सकते तुम्हारे बिन कभी ।
कर रहा इस बात का इज़हार है ।।२
ग़ज़ल :-
आज उनका हो गया दीदार है ।
कर लिया काबूल उनसे प्यार है ।।१

जी नहीं सकते तुम्हारे बिन कभी ।
कर रहा इस बात का इज़हार है ।।२

आज चाहत की नई तस्वीर मैं ।
देखता तुझमें सुनों तैयार है ।।३

कर यकीं मेरा यही पर आज तू ।
बिन तुम्हारे ये जहाँ बेज़ार है ।।४

ये हँसी जुल्फ़े तुम्हारी लूट लें ।
रूख पे काला बनी तलवार है ।।५

किस लिए पर्दा हमीं से ए सनम ।
जान दिल दोनो तुम्हीं पे वार है ।।६

जाँ हथेली पर लिए हम आ खडे़ ।
और तू करती खड़ी दीवार है ।।७

१५/०४/२०२३    -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-

आज उनका हो गया दीदार है ।
कर लिया काबूल उनसे प्यार है ।।१

जी नहीं सकते तुम्हारे बिन कभी ।
कर रहा इस बात का इज़हार है ।।२