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आज फिर जनता के दिल मे जुनून सवार था, आज फिर सबके स

आज फिर जनता के दिल मे जुनून सवार था,
आज फिर सबके सिर पर खून सवार था।
खिंच निकाला उस बलात्कारी को थाने से,
आज कोई नहीं रोक सकता इसे सज़ा पाने से।
आज कानून नहीं पापी का फ़ैसला जनता करेगी,
देंगें सब ऐसी मौत की मौत भी आज डरेगी।।


लटका दिया उसे करके नंगा,और मारे पत्थर भरे ज़माने मे,
अब ना आएगा ख्याल बलात्कार का किसी को भी अनजाने मे।
छोड़ दी फिर रस्सी और मजा आया सबको उसे गिराने मे।।
फट गया शरीर,टूट गईं हड्डियाँ,लगा वो पापी रोने और चिल्लाने मे,
पर पाप की सज़ा काफ़ी ना थी,बांदा गाड़ी के पीछे नंगा,
और ले गए घिस के शहर के हर एक कोने मे,हर एक घराने मे।।


मर गया पापी,हुईं कानून की कार्यवाही शुरू,
अदालत मे मुकदमा,सभी पक्षों की गवाही शुरू।
फैसला आया मुद्दा बलात्कर का नहीं,झूठे नारीवाद का था,
महिला सुरक्षा कानून के गलत इस्तेमाल के विवाद का था।
ले ली जान एक मासूम की,
मुद्दा जो तड़पाती हर रात एक माँ को उसके बेटे की याद का था।।


क्या गलत नहीं महिला सशक्तिकरण के नाम पे झूठा नारीवाद फैलाना?
क्या गलत नहीं अपनी झूठी शान के लिए किसी मासूम का जान गवाना?
मैं पूरे दिल से साथ महिला सशक्तिकरण के,
पर क्या गलत नहीं पुरुषों का महिला से बात करने तक से डर जाना??
और क्या गलत नहीं इन चंद झूठी महिलाओं की वजह से,
एक पीड़ित महिला को शक की निघाओं से देखा जाना? #झूठा #नारीवाद
आज फिर जनता के दिल मे जुनून सवार था,
आज फिर सबके सिर पर खून सवार था।
खिंच निकाला उस बलात्कारी को थाने से,
आज कोई नहीं रोक सकता इसे सज़ा पाने से।
आज कानून नहीं पापी का फ़ैसला जनता करेगी,
देंगें सब ऐसी मौत की मौत भी आज डरेगी।।


लटका दिया उसे करके नंगा,और मारे पत्थर भरे ज़माने मे,
अब ना आएगा ख्याल बलात्कार का किसी को भी अनजाने मे।
छोड़ दी फिर रस्सी और मजा आया सबको उसे गिराने मे।।
फट गया शरीर,टूट गईं हड्डियाँ,लगा वो पापी रोने और चिल्लाने मे,
पर पाप की सज़ा काफ़ी ना थी,बांदा गाड़ी के पीछे नंगा,
और ले गए घिस के शहर के हर एक कोने मे,हर एक घराने मे।।


मर गया पापी,हुईं कानून की कार्यवाही शुरू,
अदालत मे मुकदमा,सभी पक्षों की गवाही शुरू।
फैसला आया मुद्दा बलात्कर का नहीं,झूठे नारीवाद का था,
महिला सुरक्षा कानून के गलत इस्तेमाल के विवाद का था।
ले ली जान एक मासूम की,
मुद्दा जो तड़पाती हर रात एक माँ को उसके बेटे की याद का था।।


क्या गलत नहीं महिला सशक्तिकरण के नाम पे झूठा नारीवाद फैलाना?
क्या गलत नहीं अपनी झूठी शान के लिए किसी मासूम का जान गवाना?
मैं पूरे दिल से साथ महिला सशक्तिकरण के,
पर क्या गलत नहीं पुरुषों का महिला से बात करने तक से डर जाना??
और क्या गलत नहीं इन चंद झूठी महिलाओं की वजह से,
एक पीड़ित महिला को शक की निघाओं से देखा जाना? #झूठा #नारीवाद