मिल-जुलकर रहो सबसे, किसी का ना तिरस्कार करो, न रखो बैर किसी के लिए मन में मस्तिष्क में ना अहंकार धरो, मिटटी में मिल जाना है एक दिन, सुख-वैभव का ना गुमान करो जीवन को ना बदनाम करो I सुप्रभात। काँटे हों या फूल, करो ज़िन्दगी को क़ुबूल। #स्वीकार #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi जीवन को स्वीकार करो मिल-जुलकर रहो सबसे, किसी का ना तिरस्कार करो,