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क्या लगता है? सब कुछ अपनी मर्जी से होता है जब जो

क्या लगता है? 
सब कुछ अपनी मर्जी से होता है
जब जो चाहा, सोचा और वो हो जाता है
नहीं........ 
ऐसा नहीं होता 
अगर ऐसा होता.. तो भगवान न होता 
अगर भगवान न होता, तो आस्था न होती
अगर आस्था न होती, तो प्रार्थनाएँ न होती
अगर प्रार्थनाएँ न हो.... तो  मन का नहीं होता
और मन का विश्वास से जुड़ना जरुरी है
और विश्वास वो है जो पहले अपने से जुड़ता है
फिर भगवान से............ 
इसलिए याद रखना.... वो तब तुम्हें मन का देगा
जब तुम पूर्णतः उसे अपना समर्पण दोगे
क्योंकि........ 
प्रेम और समर्पण वो शक्ति है.... जो  उम्मीदों को
सार्थक बनाने का मार्ग देती है

©Harpinder Kaur
  # प्रार्थना जरूर सूनी जाती है.... पर शर्त है.. प्रेम और समर्पण

# प्रार्थना जरूर सूनी जाती है.... पर शर्त है.. प्रेम और समर्पण #Poetry

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