White त्याग दें सभी तरह के लोभ मोह और अहम् भस्म को रगड़ के आज हम चलो बने शिवम् हम हैं क्या ये आज हम चलो कि यूँ भी जाँच लें हम स्वयं की ही चिताओं से ज़रा-सी आँच लें और जपें ये त्वम् शिवम् अहम् शिवम् परम् शिवम् और जपें ये त्वम् शिवम् अहम् शिवम् परम् शिवम् रूप जो अनूप है जो छांव है जो धूप है जिसके नाम के बिना ये विश्व अंधकूप है जिसको इस जगत् के सारे प्राणिमात्र प्यारे है प्राण तज चुके हैं जो वे भी यही पुकारे है― हर-हर महादेव की जय हर हर महादेव की जय हम हैं क्या ये आज हम चलो कि यूँ भी जाँच लें हम स्वयं की ही चिताओं से ज़रा-सी आँच लें और जपें ये त्वम् शिवम् अहम् शिवम् परम् शिवम् काल के कपाल पर जो नाचते हैं सदा मृत्यु जिनसे माँगती है पनाह सर्वदा जो कि मात गंग को जटाओ में ही धारे हैं जितने देवता हैं आज कह रहे वे सारे हैं हर-हर महादेव की जय-हर महादेव की जय त्याग दें सभी तरह के लोभ मोह और अहम भस्म को रगड़ के आज हम चलो बने शिवम् हम हैं क्या ये आज हम चलो कि यूँ भी जाँच लें हम स्वयं की ही चिताओं से ज़रा-सी आँच लें और जपें ये त्वम् शिवम् अहम् शिवम् परम् शिवम् और जपें ये त्वम् शिवम् अहम् शिवम् परम् शिवम् ©Ghumnam Gautam #Shiva ##महाशिवरात्रि #ghumnamgautam