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हर किसी को खुश रखूं अब मेरे बस मैं नही... नोचकर खु

हर किसी को खुश रखूं
अब मेरे बस मैं नही...
नोचकर खुदको बाँट दू महफिलों में
अब मेरे बस में नही...

तोड़ना है तालुकात तो
लाज़िम तोड़िए शाहब... x2

बैठा रहूं सरयू किनारे
और एक घुंठ भी न पियू,
ये एक तरफा नसबी-क़राबत
अब मेरे बस में नही...

— % & नसबी-क़राबत - रिश्तेदारी, सरयू – नदी,
👏
हर किसी को खुश रखूं
अब ये मेरे बस मैं नही...
नोचकर खुदको बाँट दू महफिलों में
अब ये मेरे बस में नही...

तोड़ना है तालुकात तो
हर किसी को खुश रखूं
अब मेरे बस मैं नही...
नोचकर खुदको बाँट दू महफिलों में
अब मेरे बस में नही...

तोड़ना है तालुकात तो
लाज़िम तोड़िए शाहब... x2

बैठा रहूं सरयू किनारे
और एक घुंठ भी न पियू,
ये एक तरफा नसबी-क़राबत
अब मेरे बस में नही...

— % & नसबी-क़राबत - रिश्तेदारी, सरयू – नदी,
👏
हर किसी को खुश रखूं
अब ये मेरे बस मैं नही...
नोचकर खुदको बाँट दू महफिलों में
अब ये मेरे बस में नही...

तोड़ना है तालुकात तो

नसबी-क़राबत - रिश्तेदारी, सरयू – नदी, 👏 हर किसी को खुश रखूं अब ये मेरे बस मैं नही... नोचकर खुदको बाँट दू महफिलों में अब ये मेरे बस में नही... तोड़ना है तालुकात तो #Happiness #MorningThoughts #yqdidi #yqtales #yqurdu #yqquotes #yqshayari