एक बेहद अशांत दुनिया मे प्यार की रसधार कैसे बहेगी और उसकी जीवंतता कितनी देर टिकी रह पाएगी? अच्छा होता तुम किसी शांत उद्यान क़े तट पर नर्म घास की तरह उग . जाते तब तुम्हे शीतलता देने शबनम क़े कतरे उत्तर आते धीमे धीमे और फिर सूर्य की मौन किरणे उन्हें . वाष्पीभूत करती धीरे धीरे तब कही तुम समझ सकते थे. प्यार का नैसर्गिक अर्थ ऐसा प्यार हो जीवन मे और कुछ हो या न हो तभी रहती है.. जीवन मे मस्ती तृप्ति और आनंद की फुलझड़ी प्यार का नैसर्गिक अर्थ