White सुख-दुःख की कशमकश में जीवन सुख का आनंद, दुःख का समाधान,जीवन है इन दोनों का ही तालमेल, मिलकर ये बुनते हैं जीवन का तारतमाल। सुख के क्षण हैं मधुर इत्र की बूंदजो महकाते हैं मन को, करते हैं ह्रदय को मस्त। दुःख के क्षण हैं कड़वे आंसू की बूंदजो धोते हैं आँखों को, करते हैं मन को पवित्र। सुख में खिलते हैं होंठों पर मुस्कानदुःख में भर आते हैं आँखों में आंसू। सुख में नाचते हैं पैर खुशी के ताल पर दुःख में थम जाते हैं कदम निराशा के जाल में। लेकिन क्या सुख के बिना जीवन है सार्थक?क्या दुःख के बिना जीवन है सुखद?नहीं! दोनों ही हैं जीवन के दो पहलूएक दूसरे के पूरक हैं, एक दूसरे के साथी। सुख हमें सिखाता है जीवन का आनंद लेना दुःख हमें समझाता है जीवन का मूल्य। सुख हमें भर देता है उत्साह से दुःख हमें देता है धीरज और सब्र। इसलिए ना खोएं हिम्मत जब आए दुःख के पलक्योंकि ये भी हैं जीवन का एक अंग। और ना भूलें जब आए सुख के पलक्योंकि ये भी हैं जीवन का एक वरदान। जीवन है सुख-दुःख की कशमकशजिसमें जीत उसी की होती है जो इन दोनों को स्वीकार करता है और जीवन को जीता है पूरी शक्ति से ©पूर्वार्थ #सुख #दुख