White मैं पहले भी कह चुका हूँ कि मेरी राजनीतिक चेतना "किसके पक्ष में अपना वोट न दे?'' वाली है। इसलिए किसी के पक्ष में मुझसे वोट माँगकर मेरी निरीह चेतना को प्रताड़ित न करें। न ही "मतदान करने से देश आगे बढ़ता है" वाला ज्ञान देकर मुझे अल्पज्ञ होने के लिए कुंठित किया जाए क्योंकि साहब के दस वर्ष के पुनीत शासन काल में मुझे अपनी अल्पज्ञता पर गर्व होने के साथ-साथ अवसर भी दृष्टि गोचर होने लगा है। न ही मुझे किसी धर्म विशेष की रक्षा हेतु अपने बहुमूल्य मत का दान करने को उकसाया जाए और न ही ये कहकर कि सब चल रहे हैं तुम भी चलो नोटा ही दबा लेना ,मेरे "हठ योग" को खंडित करने का किंचित मात्र भी प्रयास किया जाए। मैं अल्पज्ञ अवश्य हूँ परन्तु नोटा से भली-भांति परिचित हूँ।मुझे मतदान के अधिकार का 'अप्रभावी" और शिथिल प्रयोग का बोझ नहीं ढोना है। बाक़ी सर्वकालिक हृदय-सम्राट सत्ताधीश के एक दशक के शासनकाल में किस तरह का और कितना विकास हुआ है उसका भान मुझे है।ज्ञानी लोग और अधिक जानकारी रखते होंगे। वैसे भी मुझ जैसे दीन-हीन सर्वविहीन के पास अगर कुछ बहुमूल्य कहा जा सकने लायक है तो वह मेरा मत ही है और मैं इस मत को अपने ही पास रखूँगा।इसे किसी को देकर वैचारिक कंगाली को जीने का मेरा कोई ध्येय नहीं है। इति। ★बुरा मानने वालों को बुरा लगे,मेरी बला से ©Ghumnam Gautam #election2024 #ghumnamgautam #बहुमूल्य