White जहां न पाने कि लालसा है, जहां न खोने का भय शेष है, जहां न कोई राग है, न कोई द्वेष है जहां उसे मैंने स्वयं में, आत्मसात कर लिया है जहां वो मुझमें है और मैं उसमें ,जहां नितांत शांति है, जहां परम आनंद कि अनुभूति है, वही जीवन कि परिकाष्ठा है वही सत्य है वही प्रेम है..... ©Kavi Aditya Shukla हिंदी कविता