था बचपन मेरा बहुत सुहाना, ना गम ना था कोई बहाना समय विशेषित निश्चल प्रकार, यहीं कुछ है यहां पिता का संस्कार पापा आपका बेटा अब बड़ा हो गया है आपके सर की जिम्मेदारी लेकर अपने पैर पर खड़ा हो गया है कंधे से अब आप उतार दो अब आपको तकलीफ होती होगी चेहरे पर मुस्कान हो रखें फटे तलवे चलते हुए रोती होगी बस एक अरमान है ईश्वर से आशीर्वाद आपका मिला रहे जो उपवन आप लगाए है उसे हम सींचे वो खिला रहे पिता स्वरूप है ईश्वर का उनको ना कभी रुलाना तुम यदि एक पल पिता उदास हुआ उस बदलते समय में ढल जाना तुम जब जन्म हुआ मेरा यहां किलकारी निकली सब हुए खुशी यदि मातृप्रेम है अग्रिम तो आज पितृप्रेम सारांश सुनाया है मैं देख सकूं बहुत दूर इसीलिए पिता ने कंधे पर आज उठाया है है बीत गए चाहे कितने वर्ष पर संतान संस्कार की यहीं एक रेखा है आप गांव, शहर, परिवार की बात करते हो हम उनके ही कंधे पर बैठ जमाना देखा है ©Deependra jhaDJ #फादर्स #Love #darkness