समन्दर को क्या दुख है बता भी नही सकता अंशू की तरह आंख तक आ भी नही सकता तू मुझे छोड़ रहा है इसमें तेरी खता क्या वैसे भी हर शख्स मेरा साथ निभा भी नही सकता वैसे तो मुझे बहा ले जाय आंशू का एक कतरा ऐसे तो तूफान मुझे हिला भी नही सकता Barelvi sahv . Barelvi sahv .