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जिंदा रहने को सहारे ढुंढते रहते हैं अक्सर बेशर्म क

जिंदा रहने को सहारे ढुंढते रहते हैं
अक्सर बेशर्म के इशारे चुमते रहते हैं
वकालत करते रहते अपने स्वच्छ दिनचर्या की
फिर वैश्याओ के देख नजारे झूमते रहते हैं
राजाओं का चमन बड़ा प्यारा है उन्हें
अक्सर तानाशाह की दिवारे घूमते रहते हैं
कहते हैं दयावान अवल दर्जे के है वो
फिर ओछी नजरों से बेसहारे घूरते रहते हैं

जिंदा रहने को सहारे ढुंढते रहते हैं अक्सर बेशर्म के इशारे चुमते रहते हैं वकालत करते रहते अपने स्वच्छ दिनचर्या की फिर वैश्याओ के देख नजारे झूमते रहते हैं राजाओं का चमन बड़ा प्यारा है उन्हें अक्सर तानाशाह की दिवारे घूमते रहते हैं कहते हैं दयावान अवल दर्जे के है वो फिर ओछी नजरों से बेसहारे घूरते रहते हैं #Poetry

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