तुम सपने बुनना केवल एक दिन का मान नहीं, ओ स्त्री, तेरे हक में आता श्रृष्टि द्वारा दिए जाने वाला सर्व प्रथम स्थान। तुम पहचान ना अपनी शक्तियों के अथाह को, तुम उड़ान भरना अपने घोंसले से ही, ज्ञात होगा परे हैं सिमटी कहीं । धीरे धीरे बढ़ना , एक दौर तुम बदलना ओ स्त्री , आत्म सम्मान तुम अपना बनाएं रखना तेरे हिस्से में नहीं आता पाना , केवल एक दिन का मान..... ©Arya Chandra #womensdayspecial #Women #Woman