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तेरी जुल्फ़ों में यूँ रात हो गई भूल गया मैं शाम-

तेरी जुल्फ़ों में यूँ रात हो गई 

भूल गया मैं शाम-ए-गम और तन्हाई 


अब हो सुबह ऐसी चाहत नहीं 

सारे गमों से अब निज़ात हो गई

©Subodh Joshi
  चाहत  Nisha Davi सपना मीना Priti Devi Neeraj Vishwakarma Vikas