अब वो मज़ा नहीं इस दिवाली में जहाँ भाग रहे है लोग यहाँ खुदसे ही मज़ा नही शोर शराबे में ना जाने क्या खोजता हूँ मैं इस ज़माने में यहां आपने घर से ही दूर हैं लोग कमाने में याद आता है बचपन जब इंतज़ार होता था दिवाली का मिठाइयां और पटाखों में ही निकल जाता था दिन बेफिक्रो की तरह देखो ना अाज बीत गया दिन Sunday की तरह कुछ कमाया नहीं कुछ गावाया नहीं बस भाग रहे है लोग यहाँ खुदसे ꫰ बस भाग रहे है लोग यहाँ खुदसे ꫰ #happydiwali2k19