ये गाथा है आर्यव्रत की नारियों की जैसे समय रहा वैसा ही श्रृंगार किया... अनुशीर्षक पढ़ें नारी तुम मात्र जननी नहीं तुमने हर युग में नव इतिहास रचा.... याज्ञसेनी के जीवन को देखो यज्ञमय जीवन रहा..... अहिल्या के जीवन को देखो शिला में श्रापित जीवन कटा.... जानकी के जीवन को देखो वनवास में जीवन बिता...