हर दर्द मेरा तुझ से हो कर गुजरी है, हर तकलीफ की दवा बनकर तुम उभरी हो, आंसू मेरी आँखों के तूने अपने में भर लिए है, भले तू कष्ट में रहे लेकिन जाहिर नहीं करती है, जब भी मैं घर जाता तुम से मिलने से डरता हूँ, कहिं तुमहारे साए में मैं खो न जाऊँ, आंचल की तेरी साया में सो न जाऊँ, तुम क्यों मुझसे इतना लाड़ लगाती हो, तुम माँ हो क्या इसिलिए मेरे पीछे- पीछे आती हो, पर मां इक बात तुम्हे आज बता दूँ, जब- जब तुम मुझे छोड़ने मेरे पीछे आती हो, तुम्हारी कसम तुम्हे न छोड़ देने का मन करता है, पर क्या करुं माया की जाल ने, ममता की करुण पुकार को झीना कर दिया है, तुम माँ मेरी हो,कैसा हूँ मैं यह बस पता करती रहना, बस हर जन्म में तुम ही मेरी माँ बनना, हर जन्म में तुम मेरी ही माँ बनना