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" मिलने को तो तेरे शहर गली मुहल्लो के लोग भी मिलते

" मिलने को तो तेरे शहर गली मुहल्लो के लोग भी मिलते हैं, 
अफसोस मैं तेरी मौजुदगी से हर तरफ नागवार से होते हैं, "
कहने को तो बहुत कुछ होता अफसोस कुछ कहते नहीं, 
कब तक ये एहतराम करे मेरा इश्क़  मुसलसल होता इसकदर राब्ता करे तो करे और कैसे. "

                  --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " मिलने को तो तेरे शहर गली मुहल्लो के लोग भी मिलते हैं, 
अफसोस मैं तेरी मौजुदगी से हर तरफ नागवार से होते हैं, "
कहने को तो बहुत कुछ होता अफसोस कुछ कहते नहीं, 
कब तक ये एहतराम करे मेरा इश्क़  मुसलसल होता इसकदर राब्ता करे तो करे और कैसे. "

                  --- रबिन्द्र राम 

#शहर #मौजुदगी #नागवार #अफसोस #एहतराम #इश्क़  #मुसलसल #राब्ता
" मिलने को तो तेरे शहर गली मुहल्लो के लोग भी मिलते हैं, 
अफसोस मैं तेरी मौजुदगी से हर तरफ नागवार से होते हैं, "
कहने को तो बहुत कुछ होता अफसोस कुछ कहते नहीं, 
कब तक ये एहतराम करे मेरा इश्क़  मुसलसल होता इसकदर राब्ता करे तो करे और कैसे. "

                  --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " मिलने को तो तेरे शहर गली मुहल्लो के लोग भी मिलते हैं, 
अफसोस मैं तेरी मौजुदगी से हर तरफ नागवार से होते हैं, "
कहने को तो बहुत कुछ होता अफसोस कुछ कहते नहीं, 
कब तक ये एहतराम करे मेरा इश्क़  मुसलसल होता इसकदर राब्ता करे तो करे और कैसे. "

                  --- रबिन्द्र राम 

#शहर #मौजुदगी #नागवार #अफसोस #एहतराम #इश्क़  #मुसलसल #राब्ता