ग़ज़ल ख्वावों- ख्यालों में तुम्हें सोचते हैं | तुम आओगे हर पल यही सोचते हैं || तुम्हारी बातें याद कर मुस्कराते हैं | हो न जाये पागल हम ,ये सोचते हैं || इश्क में तुमको मान बैठे हम खुदा | करें तुम्हारी इबादत यही सोचते हैं || प्रीतम मिलन के सपने संजोता मन | दिल कैसे संभाले , यही सोचते हैं || पल -पल तड़पाती मौहब्बत तुम्हारी | अब कैसे जीये हम यही सोचते हैं || बिखरी हैं जुल्फें तुम आओ संवारो | नहीं बांधते ,बस यही सोचते हैं || हद हो गई अब इन्तजारे -सनम | मर जायेगें 'सीमा 'यही सोचते हैं || #Mannkebhav #hindipoetry #mywords #Stars&Me