गम ना कर आँसू पी ले, एक-एक दिन कर जी ले, फटेहाल मत रहना यारों, चाक गिरेबां ख़ुद सी ले, सात रंगों से सूर्य चमकता, आसमान रहता नीले, जैसा ग्रहण करे सो दिखता, लाल, हरा, नीले, पीले, कहीं ख़ुशी मिलती पर्वत सी, कभी मिले गम के टीले, है आनंद सरोवर भीतर, अंतर्मुख हो जल पी ले, पल-पल नाम सुमिर ले गुंजन, दु:ख से नयन न कर गीले, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #दुःख में नयन न कर गीले#