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ओ मेरे सामने जुल्फों को आज़ाद कर बैठे। मेरे अरमान

ओ मेरे सामने जुल्फों को 
आज़ाद कर बैठे।
मेरे अरमानों के शहर को ,
आबाद कर बैठे।
कहते है इश्क के समंदर में 
तूफान बहोत है।
हम उस हसीन किनारे के चाहत में 
दिल की कश्ती,
दरिया में उतार बैठे।

ओ मेरे सामने जुल्फों को 
आज़ाद कर बैठे।

©Pranil Pawar
  #HeartBook ओ मेरे सामने जुल्फों को 
आज़ाद कर बैठे।
pranilpawar3022

Pranil Pawar

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#HeartBook ओ मेरे सामने जुल्फों को आज़ाद कर बैठे। #शायरी

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