चित्त इस छोर पर, हम उस छोर पर खड़े थे, किंकर्तव्यविमूढ़ सा, असहाय होकर पड़े थे। इधर परिवार, बीच में गहरा अथाह पारावार, किसे छोड़ूँ किसे ना, बस यही सोचकर पड़े थे। 👉🏻 प्रतियोगिता- 748 विषय 👉🏻 🌹"उस छोर"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I 🌟 इस रचना में आपको सिर्फ़ 4 पंक्तियाँ लिखनी हैं I 🌟Collab कीजिये हमारे साथ और अपनी प्रतिभा को जानिए, लिखते रहिये, सीखते रहिये और सिखाते रहिये और लिखते वक़्त अपनी गलतियों पर ध्यान दे और उन्हें पूर्ण रूप से सही लिखें। #क़लम_ए_हयात #उसछोर_Qeh #yqdidi #yqurduhindipoetry #yqbaba #YourQuoteAndMine