हर तरह की मुसीबतों को गले लगाता हूँ, हवाओं-बादलों को रोक देश मे बारिश करवाता हूँ, सीमा प्रहरी के रूप मे पड़ा और खड़ा रहता हूँ, आसान नहीं मुझको डिगाना, हिलाना, आसान नहीं मुझसे कभी भी पार पाना, मै हरवक्त इतिहास की याद दिलाता हूँ, हाँ जी हाँ मैं पर्वत - पहाड़ कहलाता हूँ । सुप्रभात। पहाड़ों से हम सीख सकते हैं!.. #पहाड़ #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi