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" कटने को कट तो जायेंगे मेरे दिन इसी ख़याले-ए-हिज

"  कटने को कट तो जायेंगे मेरे दिन इसी ख़याले-ए-हिज्र,
बात जितनी जाहिर की जा सकती बताई हैं मैंने तेरे उलफ़ते-ए-हयात से , 
इक उम्र का आरसा गुजारी हैं मैंने तेरे बगैर, 
इक्तेफ़ाक से बाकी की और उम्र गुजार देंगे इसी ख़याले-ए-हिज्र में. " 

                --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram "  कटने को कट तो जायेंगे मेरे दिन इसी ख़याले-ए-हिज्र,
बात जितनी जाहिर की जा सकती बताई हैं मैंने तेरे उलफ़ते-ए-हयात से , 
इक उम्र का आरसा गुजारी हैं मैंने तेरे बगैर, 
इक्तेफ़ाक से बाकी की और उम्र गुजार देंगे इसी ख़याले-ए-हिज्र में. " 

                --- रबिन्द्र राम

 #ख़याले-ए-हिज्र #जाहिर #उलफ़ते-ए-हयात #उम्र
"  कटने को कट तो जायेंगे मेरे दिन इसी ख़याले-ए-हिज्र,
बात जितनी जाहिर की जा सकती बताई हैं मैंने तेरे उलफ़ते-ए-हयात से , 
इक उम्र का आरसा गुजारी हैं मैंने तेरे बगैर, 
इक्तेफ़ाक से बाकी की और उम्र गुजार देंगे इसी ख़याले-ए-हिज्र में. " 

                --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram "  कटने को कट तो जायेंगे मेरे दिन इसी ख़याले-ए-हिज्र,
बात जितनी जाहिर की जा सकती बताई हैं मैंने तेरे उलफ़ते-ए-हयात से , 
इक उम्र का आरसा गुजारी हैं मैंने तेरे बगैर, 
इक्तेफ़ाक से बाकी की और उम्र गुजार देंगे इसी ख़याले-ए-हिज्र में. " 

                --- रबिन्द्र राम

 #ख़याले-ए-हिज्र #जाहिर #उलफ़ते-ए-हयात #उम्र