जब कागज़ के पन्नों में लिखे चन्द शब्द दास्तान बयां करती है तो जीते इन्सान की पुकार आखीर क्यू सुनाई नहीं देता ये उस इन्सान की लाचारी है या हमारी समझ नहीं आता ©Tafizul Hussain Sambalpur Odisha लाचार