किसान पैरों में पड़ी दरारें हाथों पर खिले छाले, गर्दनों पर लगे निशान मेरी दास्तां बता देंगे, मेरे हालातों का तुम्हे एक आईना दिखा देंगे.... कभी गांव आना तुम्हे किसान से मिला देंगे.... जिस को पाल पोस कर बड़ा किया उस फसल को बेचते वक़्त मजबूर लोग दिखा देंगे, पसीने का दाम हम तुम्हे कौड़ियों में लगते दिखा देंगे.... कभी गांव आना तुम्हे किसान से मिला देंगे.... सूखे चूल्हे दिखा देंगे, पानी कि बूंद की चाह में बैठे लोगों से मिला देंगे, भूमि को बिकते दिखा देंगे.... कभी गांव आना हम तुम्हे किसान से मिला देंगे.... ©Naresh #farmer #FarmersRevolution #farmerlife #farmersuicide #FarmerLifeMatters #farmers #Poetry #kavita #farmersprotest बेबाक कन्नौज kavita ranjan Vandana Mishra