तुम्हें प्यार है अमीरों से पर अफसोस में किस्मत से फकीर हूं चंद रुपयों के लिए तरसता हूं कभी कभी हां! मैं एक मामूली सा गरीब हूं पर जब से तुमको देखा है कुछ अजीब सी हलचल होती है मेरी सुबह उगते सूरज से नहीं तुम्हारा चेहरा देखकर होती है हां! पता है मुझे में नहीं तुम्हारा अज़ीज़ हूं दोस्ती से आगे जो इश्क की बात है वो तुमसे कह दूं में तुम्हारे इतना कहां करीब हूं आप बड़े दिलवाली हो मैमसाहेब में तो बस मामूली गरीब हूं मुझे लगता है मुझे लगता है! सीरत अच्छी होगी मेरी पर चेहरा हसीन नहीं है मैं मामूली सा *जोकर* हूं ओर तुम्हारे लिए क्या लड़कों की कोई कमी है मुझे पता है मैं गलत था पर अब तुम्हारे इश्क़ का मरीज हूं दो दवा या देदो ज़हर मैं खुद का फूटा नसीब हूं आप अमीर हो मैमसाहेब मैं तो बस मामूली गरीब हूं कभी इश्क़ मैं बैरागी तो कभी फकीर हूं alone feeling. #love #lovequotes #sadquotes