जा रही हो ना जाने का फैसला तुम्हारा है। मेरा दिल वहीं उसी बीते मोड़ पर ठहरा है। जब इतना कुछ सोच लिया है तो सुनो ना। मुझसे ये रिश्ता तोड़ लिया है तो सुनो ना। बिछड़ने से पहले मेरे गले लग जाना तुम। अगर मेरी याद आये तो चले आना तुम।। मैं तुमको फिर बेताब बाहों में भर लूंगा। तुम्हें अपनी धड़कनो के करीब कर लूंगा। जब कंटीली तन्हाईयाँ तुम्हें चुभने लगे। मुझे याद करते करते गला भी रुंधने लगे। जुदाई की आग में खुद ना जलाना तुम। अगर मेरी याद आये तो चले आना तुम।। कोई ज़िद्दी दर्द दरवाजे पे दस्तक देने लगे। ग़मो के जहरीले नाग तुमको डसने लगे। टूटती हुई सी उम्मीदों की डोर दिखाई दे। चीखती हुई खामोशियों का शोर सुनाई दे। लिपटकर मुझसे वो सब कुछ बताना तुम। अगर मेरी याद आये तो चले आना तुम।। ©Arun Upadhyay चली आना तुम