रखो कदम अपना संभालकर क्षमता का विस्तार करो, सीखो नव तकनीक नित्य ही समय नहीं बेकार करो, कृपा प्राप्त करनी है तो अनुशासन रक्खो जीवन में, विकसित करो स्वयं का जीवन औरों का उद्धार करो, भरो नई ऊर्जा नित मन में संपोषित हो ज्ञान सृजन, कालरात्रि में दीप जलाकर दूर सकल अंधियार करो, आशाओं का विटप सदा परिपोषित हो हृदयांगन में, प्रेम प्यार से सिंचित कर भौतिक सुख का श्रृंगार करो, नियति नियम का अवलंबन संरक्षित करती है हरपल, अनुपम सुख, आनंद हृदय में, आशा का संचार करो, मिटे तिमिर,भ्रम छँटे जगत से,हो ऐसा प्रयास सबका, शंकाओं का असुर खदेड़ो, तृष्णा का प्रतिकार करो, धरती,चाँद,गगन,सूरज है एक मिला सबको 'गुंजन', रहे कामना सुखद भुवन की, दुर्जन का संहार करो, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #क्षमता का विस्तार करो#