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Village Life बीच भँवर में ला मुकद्दर ने छोड़ा, मु

Village Life बीच भँवर में ला मुकद्दर ने छोड़ा, 
मुफ़लिस को किसी की फितरत ने तोड़ा। 
ऊंची मेरी उड़ान थी, 
संघर्ष भरी चढ़ान थी,,
दफ्न हो गई सारी आरजू मेरी, 
हुआ शिकार गफलत का थोड़ा। ।
खा _खा ठोकर यूँ भटकता रहा, 
हर शख्स की नजर में खटकता रहा। 
आजमाइश थीं भरपूर हासिल ए मंजिल की, 
मजबूरियों ने दलदल में मोड़ा। ।
ना ही ख्वाहिशें,ना ही आशियाना कोई, 
ठहरने का ना ही बहाना कोई।।
आज मैं तो कल कोई और होगा ,
चलेगा चाबुक जब उसका, 
हाथ ना आयेगा कफन का जोड़ा। ।।
written by 
संतोष वर्मा। ।azamgarh वाले 
खुद की जुबानी। ।

©Santosh Verma
  #mukaddar