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कर्ण की करुण कहानी हो, या एकलव्य के आगे द्रोण शोष

कर्ण की करुण कहानी हो, या एकलव्य के आगे द्रोण 
शोषक का शौर्य सुनाता,  इतिहासों में शोषित का मौन 
व्यास वाल्मीकि लिखते हैं, प्रसंग जो उनको दिखते हैं 
नहीं घाव जो दिखलाते, उनके मन को पढ़ता है कौन 

रामायण हो या महाभारत, युद्ध का आख़िर दोषी कौन 
भरी सभा में चीरहरण पर, आख़िर क्यूँ सारी संसद मौन 
नहीं कहीं कोई वीरपुरुष जो,राज विरुद्ध अभिभाषण दे 
न्याय स्वयं सिंहासन का प्यारा, अनहोनी को रोके कौन 
-सरिता मलिक बेरवाल

©Sarita Malik Berwal #संसद
कर्ण की करुण कहानी हो, या एकलव्य के आगे द्रोण 
शोषक का शौर्य सुनाता,  इतिहासों में शोषित का मौन 
व्यास वाल्मीकि लिखते हैं, प्रसंग जो उनको दिखते हैं 
नहीं घाव जो दिखलाते, उनके मन को पढ़ता है कौन 

रामायण हो या महाभारत, युद्ध का आख़िर दोषी कौन 
भरी सभा में चीरहरण पर, आख़िर क्यूँ सारी संसद मौन 
नहीं कहीं कोई वीरपुरुष जो,राज विरुद्ध अभिभाषण दे 
न्याय स्वयं सिंहासन का प्यारा, अनहोनी को रोके कौन 
-सरिता मलिक बेरवाल

©Sarita Malik Berwal #संसद