रिश्तों के शोर में उसकी चीख को दबाते हो कैसे मर्द हो जो किसी स्त्री पर ज़ुल्म कर मुस्कुराते हो मां बाप भाई बहन होने के फर्ज सभी निभाते हो फिर कैसे सात फेरों के साथ किए वादों को भूल जाते हो। #चीख़