क्या कहते है इसे क्या कहते है इस फासले को एक ही नाव में सवार लेकिन सामने इतनी बड़ी दीवार ऐसा नहीं है कि मैं सामने से कुछ कहना नहीं चाहता तुम्हारा हाथ पकड़कर समझाना नहीं चाहता लेकिन यह छोटे से फासले जाने क्यों इतने लंबे नज़र आते हैं..... खीच लेता हूं , खुद के ही यह हाथ मेरे जब यह आगे बढ़ना चाहते है..... पता नहीं ..... पहले तुम – पहले तुम की आदत ..... जाती क्यों नहीं । खाई इतनी भी गहरी नहीं शायद.... जिसकी कोई भरपाई नहीं । ✍️ रिंकी ऊर्फ चंद्रविद्या दिन ब दिन बढ़ता हुआ ये फ़ासला, कौन जाने कैसा है ये सिलसिला... #दिनबदिन #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi