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छोड़ दिया था वक़्त गुज़र जाने के लिए, क्या तुम पास आए

छोड़ दिया था वक़्त गुज़र जाने के लिए,
क्या तुम पास आए थे मुकर जाने के लिए,
कोई आरज़ू रही हो या कोई तमन्ना,
मेरे पास तेरा लम्हा है बिसर जाने के लिए।

चाहेगा तू भी कुछ देर के लिए हमें,
वरना क्या किया हमने यूँ ठहर जाने के लिए,
मांगता होगा तू भी बस एक मौका,
अपने रूठे आशिक को मनाने के लिए।

सीमा तो हर किस्म की होती है,
गैर के मकां को अपना बनाने के लिए, 
सब्र अब तुम भी कर लो फ़ौरन,
बिना कहे ही सब कुछ बताने के लिए।

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छोड़ दिया था वक़्त गुज़र जाने के लिए,
क्या तुम पास आए थे मुकर जाने के लिए,
कोई आरज़ू रही हो या कोई तमन्ना,
मेरे पास तेरा लम्हा है बिसर जाने के लिए।

चाहेगा तू भी कुछ देर के लिए हमें,
वरना क्या किया हमने यूँ ठहर जाने के लिए,
मांगता होगा तू भी बस एक मौका,
अपने रूठे आशिक को मनाने के लिए।

सीमा तो हर किस्म की होती है,
गैर के मकां को अपना बनाने के लिए, 
सब्र अब तुम भी कर लो फ़ौरन,
बिना कहे ही सब कुछ बताने के लिए।

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