जिद्द थी "बलिदान होउंगा साथियों के साथ" चल गया वो अपना फ़र्ज़ निभाने के लिए। मां भारती का कर्ज था उसका जीवन, लड़ता रहा अंतिम सांस तक चुकाने के लिए। मरने के ख्याल को भी मार दिया उसने, जब मौत आई थी उसको ले जाने के लिए। -----------------आनन्द ©आनन्द #फर्ज #बलिदान #Anand_Ghaziabadi #आनन्द_गाजियाबादी