जब राह में सारे काँटे ही काँटे हो तो कभी ना कभी फूल खिल जाता है, जब उम्मीदों के सारे रास्ते बंद हो जाए तो एक ना एक झरोखा खुल जाता है, बस आत्म विश्वास टूटनी नहीं चाहिए उम्मीदों के बादल छंटने नहीं चाहिए, आया हुआ संकट भी टल जाता है एक ना एक झरोखा खुल जाता है, सुप्रभात। जब अँधेरे से बाहर निकलने की उत्कंठ इच्छा जागृत हो जाती है, तो कोई न कोई झरोखा खुल ही जाता है। #झरोखा #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #_मधुकर #anil_madhukar