जूही, चम्पा, टेसू और कचनार की बातें करें, ये ज़रूरी है कि अब हम प्यार की बातें करें. इक मशीनी दौर में कैसे जिएगा आदमी, ज़िन्दगी के वास्ते इतवार की बातें करें । रंजिशों से कुछ नहीं हासिल हुआ करता कभी, छोड़िये, बेकार क्यूं हथियार की बातें करें । अपने घर के मसअले सुलझाइए पहले हुज़ूर, बाद उसके शौक से सरकार की बातें करें । थक गई हो ज़िन्दगी और दिल भी कुछ बेचैन हो, गुनगुनाकर गीत उस दिलदार की बातें करें . ज़िन्दगी ज़िन्दादिली से जीने में ही लुत्फ़ है, ज़िन्दगी को ले के क्यूं बेकार की बातें करें । अपनी नन्हीं कोपलों को कीजिए महफ़ूज़ अब, क्यूं जहां वाले हमेशा ख़ार की बातें करें । रंजो-ग़म सब भूल जाओ अब तो तुम भी अल्पना, आओ बैठें साथ हम सब प्यार की बातें करें एक ग़ज़ल --अल्पना सुहासिनी