Nojoto: Largest Storytelling Platform

" मुमकिन हो कि कभी तु भी याद कर लें , मेरे बातों क

" मुमकिन हो कि कभी तु भी याद कर लें ,
मेरे बातों का जिक्र कभी तु भी साथ करें ,
ये इल्म ये तजूरबा कभी तुझे याद आये ,
भुल से ही सही मेरे शहर - मेरी गलि का ,
 मुआयना कर जाते आते जाते ‌रास्तो में ,
एक अरसा गुजर गया तुम को देखे हुए . 

                                 --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " मुमकिन हो कि कभी तु भी याद कर लें ,
मेरे बातों का जिक्र कभी तु भी साथ करें ,
ये इल्म ये तजूरबा कभी तुझे याद आये ,
भुल से ही सही मेरे शहर - मेरी गलि का ,
 मुआयना कर जाते आते जाते ‌रास्तो में ,
एक अरसा गुजर गया तुम को देखे हुए . 

                                 --- रबिन्द्र राम
" मुमकिन हो कि कभी तु भी याद कर लें ,
मेरे बातों का जिक्र कभी तु भी साथ करें ,
ये इल्म ये तजूरबा कभी तुझे याद आये ,
भुल से ही सही मेरे शहर - मेरी गलि का ,
 मुआयना कर जाते आते जाते ‌रास्तो में ,
एक अरसा गुजर गया तुम को देखे हुए . 

                                 --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " मुमकिन हो कि कभी तु भी याद कर लें ,
मेरे बातों का जिक्र कभी तु भी साथ करें ,
ये इल्म ये तजूरबा कभी तुझे याद आये ,
भुल से ही सही मेरे शहर - मेरी गलि का ,
 मुआयना कर जाते आते जाते ‌रास्तो में ,
एक अरसा गुजर गया तुम को देखे हुए . 

                                 --- रबिन्द्र राम