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आ रही बदन से बाहर चीख़ती सिसकियां आंखो में दिख रह

आ रही बदन  से बाहर चीख़ती सिसकियां
आंखो में दिख रही दबी कुचली सिसकियां

पढ़ी आंखे, देखी सूरत थोड़ी गौर से उसकी
मजबूरियों में वो औरत है बेचती सिसकियां

मर गया अंदर का शख़्स मेरे अंदर ही दोस्त
किस को सुनाऊं अपनी मातमी सिसकियां

लिख के जिन्हें दफना रहे कागज़ों के भीतर
क्या आप   सुनेंगे मेरी काग़ज़ी सिसकियां ?

एक रोज़ गौर से आईना देखा तो जाना मैंने
बिल्कुल मुझ जैसी होती चेहरगी सिसकियां

बद्दुआएं चाटे जा रही नासूर हुए जख्मों को
इन दर्दों की करती है मुख़बिरी सिसकियां

अभिनव

©Abhinav29Singh #jazbaataedil

#wait
आ रही बदन  से बाहर चीख़ती सिसकियां
आंखो में दिख रही दबी कुचली सिसकियां

पढ़ी आंखे, देखी सूरत थोड़ी गौर से उसकी
मजबूरियों में वो औरत है बेचती सिसकियां

मर गया अंदर का शख़्स मेरे अंदर ही दोस्त
किस को सुनाऊं अपनी मातमी सिसकियां

लिख के जिन्हें दफना रहे कागज़ों के भीतर
क्या आप   सुनेंगे मेरी काग़ज़ी सिसकियां ?

एक रोज़ गौर से आईना देखा तो जाना मैंने
बिल्कुल मुझ जैसी होती चेहरगी सिसकियां

बद्दुआएं चाटे जा रही नासूर हुए जख्मों को
इन दर्दों की करती है मुख़बिरी सिसकियां

अभिनव

©Abhinav29Singh #jazbaataedil

#wait