किसी का जुनून है....., तो किसी की खुमारी है दर्द लिखती है और मोहब्बत भी ये जो तलवार है दोधारी है मंजिल हमें मिले न मिले ये हमे पता ही नहीं पर हम जिसपे चलते हैं वो राहगुजर हमारी है जिसको समझा था महरबां हमने पता चला वो ही बड़ा शिकारी है