न शाखों ने दी पनाह, न हवाओं ने बख्शा.... वो पत्ता आवारा न बनता तो और क्या करता.... ©Prakash writer05 न शाखों ने दी पनाह, न हवाओं ने बख्शा.... वो पत्ता आवारा न बनता तो और क्या करता....