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धूप में चले बगैर सूरज की तपिश का अंदाजा नहीं होता

धूप में चले बगैर सूरज की तपिश का अंदाजा नहीं होता 
और दोस्तो प्यार में पड़े बगैर कोई आवारा नहीं होता

ख्यालों में ख्वाबों में भी  जंजीर अच्छी नहीं लगती 
ध्यान से देखा किसी की मोहब्बत सच्ची नहीं लगती 
मयंक बैसला

©Babli BhatiBaisla मयंक Sethi Ji R... Ojha Ashutosh Mishra Neel Lalit Saxena R... Ojha
धूप में चले बगैर सूरज की तपिश का अंदाजा नहीं होता 
और दोस्तो प्यार में पड़े बगैर कोई आवारा नहीं होता

ख्यालों में ख्वाबों में भी  जंजीर अच्छी नहीं लगती 
ध्यान से देखा किसी की मोहब्बत सच्ची नहीं लगती 
मयंक बैसला

©Babli BhatiBaisla मयंक Sethi Ji R... Ojha Ashutosh Mishra Neel Lalit Saxena R... Ojha