तन्हा तीरगी की रातों में तेरा तबस्सुम। दर्द के आसमाँ पे झक सफेद चाँद।। और तेरी खनकती आवाज़ का जादू। जैसे शबनम दूर कहीं बर्फ के पहाड़ों से फिसले। तेरी पलकों के नीचे कहीं बादलों का बसेरा है। तभी तो एक साथ बरस पड़ती हो मुझपर। पर सच कहूँ। मुझे भींगना पसंद है।। #Moon #Shayari #Nzm #Poet #Love #Nojoto #PoetryOnline #tum