किताबें बाबा मैं भी पढ़ना चाहती हूं। थोड़ा पढ़ लिख लेने दो बाबा मैं तुम्हारा ही तो नाम आगे बढ़ आऊंगी। क्या रखा है चूल्हे चौके में इससे से तो बस बेटी से बहू ही बन पाऊंगी। अच्छा सुनो.... मुझे दहलीज से कदम! बाहर रखने तो दो। बस ब्याह कर विदा करने के लिए , घर पर सहेज कर मत रखो। बाबा मुझे पढ़ना है जिंदगी में कुछ करना है। एक बार मुझे आत्मनिर्भर बनने का मौका तो दो मैं भी बादलों के बीच उड़ान भरा करूंगी, मैं भी देश की रक्षा करा करूंगी। मुझ में भी तो कुछ करने का जुनून है, बाबा यही करके तो सुकून है। मैं भी अंतरिक्ष तक पहुंचना चाहती हूं , इस देश की बागडोर संभालना चाहती हूं। बाबा मैं भी पढ़ना चाहती हूं। ©Kavisha #girls#Education#SaveGirls#mywords