चन्द ख्वाब कमाने जो घर से निकला सब ख्वाहिशे मै घर पे छोड आया एक दिल होता था निहायती ज़िद्दी उस बेगैरत को भी वही तोड आया कुछ तमन्नाई परिन्दे ज़हनी शज़र पे मचाते थे शोर असर तक फ़ज़र से उनके पर भी मै वहीं मरोड आया चन्द ख्वाब कमाने जो घर से निकला सब ख्वाहिशे मै घर पे छोड आया चन्द ख्वाब